(६) काश्यप गोत्र— काश्यप गोत्र वाले त्रिप्रवर हैं- कश्यप,देवल और असित । इनका वेद सामवेद है । उपवेद इनका है गंधर्ववेद । शाखा- कौथुमी। सूत्र गोभिल । छंद है जगति । शिखा एवं पाद वाम है, तथा देवता हैं विष्णु । इस गोत्र सूची में निम्नांकित पुर आते हैं—
आम्नाय
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पुर
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मूलस्थान
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आर१-२४
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छेरियार
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छेरियारी,मखदुमपुर,गया
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आर १-२४
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कुरैयार/कुरैचियार
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कुराइच,रोहतास,बिहार
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आर १-२४
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भलुनियार
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भलुनी,रोहतास,बिहार
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आदित्य१-१२
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डोमरौर/डुमरौर
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डुमरा,हसनपुर,गया
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आदित्य१-१२
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सर्पहार्क/सपहा
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सपट्टा,बाबा का बाजार (अस्पष्ट
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आदित्य१-१२
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महुरसिया/मुरसिया
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मोहरस देव,गया
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उपकिरण १-१८
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अरिहंसिया
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ऐयारी,देव,गया
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उपकिरण१-१८
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गोरक्षपुरिया
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गोरखपुर,उत्तर प्रदेश
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उपकिरण१-१८
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बेलयार
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बेलगांव,छपरा,बिहार
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उपकिरण१-१८
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श्यामवौर
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सोमारी,आजमगढ़,उत्तर प्रदेश
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उपकिरण १-१८
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मृगहा
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मृगा,वासो,गाजीपुर,उत्तर प्रदेश
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किरण १-१७
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सियरियार/सियरी
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सियारी,मौआवार,गोरखपुर
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किरण १-१७
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मोरियार
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जमीरा,मलमा,गया
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किरण १-१७
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पठकौलियार
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पठकौली,वस्ती,उत्तरप्रदेश
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किरण १-१७
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पंचहाय
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पंचाननपुर,टेकारी,गया
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किरण १-१७
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सौरियार
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सैदाबाद,पटना
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किरण १-१७
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कुकरौंधा
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कुकरौधा,गया
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किरण १-१७
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जुट्टीवरी/जुट्ठीवरी
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जुट्ठी,डेहरी
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आर१-२४
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पुण्यार्क
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पंडारक,पटना
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मण्डल १-१२
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चंडरोह/चंदरोटी
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चाँदपुर,पटना
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मण्डल १-१२
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खजुराहा
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खजुरी,गया
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नोट- ध्यातव्य है कि भलुनियार पुर शाण्डिल्य गोत्र में भी हैं, और श्यामबौरपुर कौशिक गोत्र में भी हैं । अतः तदनुसार ही उनका प्रवरादि होगा ।
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